जगदीश दयानिधि भवभय दूर निवारोजी ॥ टेक ॥ जन्म मरण भव चक्कर मांही फिरत फिरत अब...

सुनो जगदीश प्रभु अरज हमारी ॥ टेक ॥ मानुष जन्म मिला जग माही किरपा भई तुमारी...