देख नजरों से भाई परमेश्वर तेरे तन मांही अंग अंग जैसे फूलन में गंध समाई रे...

अब तो सुमर नर रामचरण को जन्म मरण दुःख दूर करण को ॥ टेक ॥ चौरासी...

अब तो सुनो प्रभु अरज हमरिया शरण पडा मैं आय तुमरिया ॥ टेक ॥ सकल जगत...

हरि का भजन करले मेरी मतिया भजन बिना मिले री शुभ गतिया ॥ टेक ॥ क्या...

आवो आवो सखि बात बिचारिये रे इस मनुषजनम को सुधारिये रे ॥ टेक ॥ जिम अंजलि...