प्रभु तुम सब जग सर्जनहारे सकल शक्तिमय पिता हमारे ॥ टेक ॥
भूमि पर्वत नदियां सागर तुमरी रचना रवि शशि तारे ॥
सुर नर पशु सब जीव जगत में तुम अधीन सब पुत्र तुमारे ॥
नाना बिध सब भोग पदारथ सबके सुख कारण बिस्तारे ॥
ब्रम्हानंद शरण में तुमरी जन्म मरण भय भंजन हारे ॥
Prabhu tum sb jga srjnhaare skl shaktimy pitaa hmaare ॥ Tek ॥
Bhumi prvt ndiyaan saagar tumri rchnaa ravi shashi taare ॥
Sur nr pshu sb jiv jgat men tum adhin sb putr tumaare ॥
Nanaa bidh sb bhoga pdaarth sbke sukh kaarn bistaare ॥
Bramhaannd shrn mein tumri jnm maran bhy bhnjn haare ॥