बबीहा अमृत वेले बोलिया,
तां दर सुनी पुकार।

मेघे नू फुरमान होआ, वरसो किरपा धारि।

हो तिन के बलिहारने, जिनी सच रखया उर धारि।

नानक नामे सब हरियावली, गुरु के सबद विचार।
'
आनन्दो' से