इसु मन कउ कोई खोजहु भाई।।
मनु खोजत नामु नउ निधि पाई।।
1. सो मुनि जि मन की दुबिधा मारे।।
दुबिधा मारि ब्रहमु बीचारे।।
2. मूलु मोहु करि करतै जगतु उपाइआ।।
ममता लाइ भरमि भुोलाइआ।।
3. इसु मन ते सभ पिंड पराणा।।
मन कै वीचारि हुकमु बुझि समाणा।।
4. करमु होवै गुरु किरपा करै।।
इहु मनु जागै, इसु मन की दुबिधा मरै।।
5. मन का सुभाउ सदा बैरागी।।
सभ महि वसै अतीतु अनरागी।।
6. कहत नानकु जो जाणै भेउ।।
आदि पुरखु निरंजन देउ।।