रंगि रता मेरा साहिबु, रवि रहिआ भरपूरि।।
1. आपे रसीआ आपि रसु, आपे रावणहारु।।
आपे होवै चोलड़ा, आपे सेज भतारु।।
2. आपे माछी मछुली, आपे पाणी जालु।।
आपे जाल मणकड़ा, आपे अंदरि लालु।।
3. आपे बहु बिधि रंगुला, सखीए मेरा लालु।।
नित रवै सोहागणी, देखु हमारा हालु।।
4. प्रणवै नानकु बेनती, तू सरवरु तू हंसु।।
कउलु तू है, कवीआ तू है, आपे वेखि विगसु।।