साजनड़ा मेरा साजनड़ा, निकटि खलोइअड़ा मेरा साजनड़ा।।
जानीअड़ा हरि जानीअड़ा, नैण अलोइअड़ा हरि जानीअड़ा।।

1. नैण अलोइआ घटि घटि सोइआ, अति अंम्रित प्रिअ गूड़ा।।
नालि होवंदा लहि न सकंदा, सुआउ न जाणै मूड़ा।।

2. माइआ मदि माता होछी बाता, मिलणु न जाई भरम धड़ा।।
कहु नानक गुर बिनु नाही सूझै, हरि साजनु सभ कै निकटि खड़ा।।