उन कै संगि, मोहि प्रभु चिति आवै,
संत प्रसादि मोहि जागी।।
सुनि उपदेसु भए मन निरमल,
गुन गाए रंगि रांगी।।

1. इहु मनु देइ कीए संत मीता,
क्रिपाल भए बडभागी।।
महा सुखु पाइआ, बरनि न साकउ,
रेनु नानक जन पागी।।

2. प्रभ मेरे ओइ बैरागी तिआगी।।
हउ इकु खिनु तिसु बिनु रहि न सकउ,
प्रीति हमारी लागी।। रहाउ।।