गुरुजी म्हारा हिवड़ा में अगन लगी।
जब ते तेरा दर्शन किया,
दुनिया से मेरी इक न बनी।

1. दाता की किरपा जो मुझ पर हुई,
दर तेरे ते आन खलोई।
पाया दर्शन मन हुआ शीतल, आनंद भई।

2. सुनकर ज्ञान तेरा वो सतगुरु,
समझ पड़ी अब जागी सतगुरु।
जग है मिथ्या तू ही है सच, समझ पड़ी

3. मनवा मेरा शीतल हुआ,
आप की समझ पड़ी निश्चल हुआ।
आत्मा परमात्मा की समझ पड़ी।