ओ दूर बैठे चंदा जाना पिया के देस।
उन मेरे प्रभु जी को देना मेरा संदेश।।
1. क्यों रखते हो दूर खुद से, हुयी भूल क्या है मुझ से।
क्या जुदा कभी हुए हैं प्राणों से जैसे देह।
2. पहले किया था घायल अपनी ही मुहब्बत से।
दे दवा या मौत दे, कैसा है तू दरवेस।
3. न जुदा किया करते हैं, बना के किसी को अपना।
बेवफाई का नहीं देते प्यारों को यूं संदेश ।
4. मेरे पिया हैं रहते मेरे ही दिल के अंदर।
जानेंगे वो जानें हम, क्या है प्रेम की ठेस।
O dur baithe chanda jaana piya ke des
Un mere prabhu ji ko dena mera sandesh
Kyon rakhte ho dur khud se, hui bhool kya hai mujhse
Kya judaa kabhi hue hain prano se jaise deh
Pehle kiya tha ghaayal apni hi mohabbat se
De dawaa ya maut de, kaise hai tu darves
Na judaa kiya karte hain, banaa ke kisi ko apna
Bewafayi ka nahin dete pyaron ko yun sandesh
Mere piya hain rehte mere hi dil ke andar
Jaanenge wo jaanein hum, kya hai prem ki thes