प्रभु जी दया करो
मन में आन बसों

मेरे मन में अंधेरा है
जाने कहा सवेरा है
तेरी कृपा जो मिल जाए
मन मेरा ये खिल जाये

मन खोज रहा तुझ को
तू है ही मेरे भीतर
पता न चले मुझ को