तेरे दरस को हम आये,
तेरी कृपा को हम पायें|
1. यह जीवन सौंप दिया गुरुदेव आपको ही,
मेरे जीवन के खिवैया, बस पार लगा तू ही,
इक आस रखी मन में, जीवन यह संभल जाये|
2. मन मेरा चंचल है, मेरी बात नहीं सुनता,
मैं लाख करूँ यत्न, सत्पथ पर नहीं चलता,
बस आस तुझसे ही, मेरा मन संभल जाये|
3. मेरी प्रार्थना है एक यही, मन मेरे में बस जाओ,
संसार में न भटकूं, निज अाप में रम जाऊं,
बस आस यही दिल में है, मैं तुझ में समा जाऊं|