तेरे जैसा कौन है, सतगुरु हर आँख में तेरा नूर है,
नज़रों से रहकर दूर भी, किसी दिल से तू नहीं दूर है।
1. तेरा सच्चिदानंद रूप है, दर्पण में तूने दिखा दिया,
तेरे दर पे मैं फ़क़ीर था, तूने क्या से क्या बना दिया,
तेरे हाथों से जो पिया है, उसी जाम का सरूर है।
2. तेरे नाम से ही बहार है, आबाद है मेरी ज़िन्दगी,
हर श्वास में तेरी याद है, तेरी याद है मेरी बंदगी,
मैं तेरी तू मेरा है, यही प्यार का दस्तूर है।
3. अब मंजिलों की चाह नहीं, लहरों में साहिल मिल गया,
किसी बात का अब गम नहीं, जीना मुखे है सीखा दिया,
चाहे गम दे या खुशी, मुझे सब तेरा मंजूर है।