यह चाँद की न रात है घोर काली रात है,
देखो रे, देखो रे गौरां, कौन लाया यह बारात है।
1. भस्मी अंग रमाये है, यह जटा भी बिखराये है,
देखो रे, देखो रे गौरां, संग सर्पों का फेरा है।
2. मुण्डों की माला है - डमरू निराला है,
देखो रे, देखो रे गौरां, कैसा दूल्हा तेरा आया है।
3. यह जोगी अलबेला है, मस्तों का टोला है।
देखो रे, देखो रे गौरां, यह तो साधु भोला भाला है।