किस भूल में दिवाना हूआ रे। टेक 

माता पिता तेरे सुख के संगी, बहन भानजी बुआ रे। १ 

हाड़ चाम नाड़ी का पिंजरा, जामें  वासे  सूआ रे। २ 

काम क्रोध मद बड़े लुटेरे, लोभ नरक का कूआँ रे। ३ 

कहत कबीर सुनो भाई साधो, जीत चलो जग जूआ रे। ४