तीरथ में सब पानी है , होवै नहिं कछु नहाय देखा । १

प्रतिमा सकल बनी जड़ है , बोलै नहिं बुलाय देखा । २

पुरान कुरान सब बात ही बात है, घट का परदा खोल देखा । ३

अनुभव की बात कबीर कहैं , यह सब है झूठी पोल देखा । ४