Devotion
जगदीश जगतपति प्यारा कर भव दुख दूर हमारा टेक तुम सब जीवन के स्वामी घट घट...
सब तजकर राज्य समाजा वन चले भरतरी राजा टेक इक विप्र अमर फल लाया नृप रानी...
कहे नाथ जलंधर ध्यानी सुन गोपीचंद सुजानी टेक जब मूलबंध दृढ़ लावे तब उलट पवन चढ़...
गोपीचंद बाल तुमारा गुरुनाथ करो निस्तारा टेक मुझे माता ज्ञान बताया तज राज्य शरण में आया...
मैनावती वचन उचारा सुन गोपीचंद पियारा टेक जिनकी कंचन सी काया धन जोबन रूप सवाया जी...
यमराज कहे दंडधारी सुन जीव तू बात हमारी टेक मानुष तन तुझने पाया क्यों हरि के...
कहे पांडव कृष्ण मुरारी अब रखिये लाज हमारी टेक दुर्वासा मुनि चल आया संग शिष्य ह्जारो...
कहे कृष्ण मोरध्वज राजा तुम सब भक्तन सिर ताजा टेक साधुन का वेश बनाये हम द्वार...
सिरी कृष्ण लाज रख मेरी मैं शरण पड़ी हूं तेरी टेक दुर्योधन कपट चलाया सब पांडव...
सिरी राम कहे हनुमाना सुन बचन कहूँ परमाना टेक तुम सीता खबर सुनाई मेरे मन की...
सिरी राम कहे बिलपाई अब जागो प्यारे भाई टेक वह मेघनाथ हत्यारा जिन शक्तिबान कस मारा...
सिरी राम कहे सुखकारी सुन शबरी बात हमारी टेक जप तप व्रत योग विधाना बहु वेद...