हर हर ओम् हर हर ओम्। जंगल में जोगी बसता है वो रोता है ये हँसता...

हमारे गुरु वचनन की टेक। आन धर्म को नाहीं जानूं जपूं हरि हरि एक। गुरु बिना...

हमारे गुरु पूर्ण दातार। अभय दान दीनन को दीने कीने भवजल पार। जन्मजन्म के बंधन काटे...

हम तो दीवाने तेरे हैं हम तो मस्ताने तेरे हैं। हम योगी हैं कोई रोगी नहीं...

हम तुमसे जुदा हो सारा जन्म रोते ही रहे रोते ही रहे मन विषयों में फंसा...

हे री मैं तो प्रेम दीवानी मेरो दर्द न जाणै कोय। घायल की गति घायल जाणै...

साधो सहज समाधि भली। गुर परताप जा दिन से जागी दिन दिन अधिक चली। जहँ जहँ...

साधो सदगुरु संग रंग होली का खेलो। वैराग्य का साबुन मन को लगाओ धोवो मलमल के...

साधो मन माया के संग सब जग रंग रयो। मूर्ख पचे खेल के अंधरे नाना स्वांग...

साधू हूँ अपनी होश को साधूँ। सोई रही मैं चिर निद्रा में घोर अमावस में चिर...

सांवरे की दृष्टि मानो प्रेम की कटारी है। आली लागत बेहाल भई तन की सुध बुध...

संतन के संग लाग री तेरी अच्छी बनेगी। होय तेरो बड़ो भाग री तेरी अच्छी बनेगी।...