हरि बिन कौन सहाई मन का। मात पिता भाई सुत बनिता हित लागो सब फन का।...

हरि नाम सुमिर हरि नाम सुमिर। सुख धाम जगत में जीवन दो दिन का रे। पाप...

हमारे गुरु वचनन की टेक। आन धर्म को नाहीं जानूं जपूं हरि हरि एक। गुरु बिना...

हमारे गुरु पूर्ण दातार। अभय दान दीनन को दीने कीने भवजल पार। जन्मजन्म के बंधन काटे...

हे जान रे अपने को तू जान प्रभु तुझ में है तू उसमें है। दूर न...

सुमिरन कर ले मेरे मनां तेरी बीती उम्र हरि नाम बिनां। कूप नीर बिना धेनु चीर...

सुमिरसुमिर नर उतरो पार भव सागर की तीक्षण धार। धर्म जहाज मांहि चढ़ लीजै संभलसंभल ताहि...

सुन सुरत रंगीली हो कि हरि सा यार करो। जब छूटै बिघन बिकार भौ जल तुरत...

साधो सहज समाधि भली। गुर परताप जा दिन से जागी दिन दिन अधिक चली। जहँ जहँ...

साधो मन माया के संग सब जग रंग रयो। मूर्ख पचे खेल के अंधरे नाना स्वांग...

शक्ति है रूप तेरा। तू तो माता है तू तो धाता है तू तो जननी है...

वाहवाह रमज़ सजन दी होर आशिक बिनां न जाने कोर। कोठे ते चढ़ देवां होका इश्क़...