वाहवाह माटी दी गुलज़ार। माटी घोड़ा माटी जोड़ा माटी दा असवार माटी माटी नूं मारन लागी...

रस गगन गुफा में अजर झरै। बिन बाजा झंकार बजै जहाँ समझ परै जब ध्यान धरै।...

यह आलम सारा फानी है फानी को कहां बकां बाबा। धन दौलत आनीजानी है यह दुनिया...

महरम होए सो जाने साधो ऐसा देस हमारा। वेद कतेब पार नहीं पावत कहन सुनन ते...

मन तोहे किहि बिध मैं समझाऊँ। सोना होय तो सुहाग मंगाऊँ बंकनाल रस लाऊँ। ग्यान सबद...

भजो रे भैया राम गोविन्द हरी। जप तप साधन नहीं कछु लागत खरचत नहीं गठरी। सन्तत...

भज मन चरण कमल अविनाशी। जे ताई दीसे धरण गगन विच ते ताई सब उठ जासी।...

भज ले हरि हरि हो प्यारे भज ले हरि हरि। चार दिन की जिंदगानी तू भज...

बाबा काया नगर बसावो। ज्ञान दृष्टि सो घट में देखो सुरत बिरति लौ लावो। पाँच गार...

पीवता नाम जो जुगन जुग जीवता नाहिं वो मरे जो नाम पीवे। काल व्यापे नहिं अमर...

प्राणी क्या तेरा क्या मेरा जैसे तरवर पंखि बसेरा। जल की भीति पवन का थंभा रक्त...

पाया नी पाया सजणा भेद पाया। आपे ही वसदा दिल विच आप ही नदरी आया। जोत...