कथता बकता सुरता सोई आप बिचारैं ग्यानी होई। जैसे अगिन पवन का मेला चंचल चपल बुधि...

आरति कीजै आतम पूजा प्राण पुरुष सो अवर न दूजा ॥   ग्यान प्रकास दीप उजियारा...

अब कोई खेतिया मन लावै॥ ज्ञान कुदार ले बंजर गोड़े नाम को बीज बोवावे॥   सुरत...

ज्ञान कुदार ले बंजर गोड़े नाम को बीज बोवावे॥ सुरत सरावन नय कर फेरे ढेला रहन...