मन तू थकत थकत थकि जाई । बिन थाके तेरो काज न सरिहै फिर पाछे पछिताई...

अवधू तन का मन रखवारा कोई जाने जाननहारा । टेक मन ही देव देहरा मन ही...

जब लग मोर तोर करि लीन्हा। भै भै जनमि जनमि दुःख दीना॥ अगम निगम एक करि...

चंचल मन निशदिन भटकत है एजी भटकत है भटकावत है ॥ टेक ॥ जिम मर्कट तरु...

डगमग छाडि रे मन बउरा।। अब तउ जरे मरे सिधि पाईऐ लीनो हाथि संधउरा।। मन रे...