Vedanta
दृष्टि में तेरी जो कुछ आया है सब ही है माया है सब ही है माया।...
अखिल विश्व का जो परमात्मा है वही आत्मा सच्चिदानन्द मैं हूँ। शिवोहम शिवोहम शिवोहम वही आत्मा...
आदि अन्त मेरा है राम उन बिन और सकल बेकाम। कहाँ करूँ तेरा बेदपुराना जिन है...
ज़रा परदा हटा के देख ले सब से आला मैं। मैं तो सतचित् आनन्द रूप हूँ...
अपने घट में दियना बारु रे॥ घट के भीतर बहुत अंधेरा ब्रह्म अग्नि उजियारु रे। जगमग...
अपणा दस्स टिकाणा अपणा दस्स टिकाणा किधरों आया किधर जाणा। टेक । जिस ठाणे का माण...
घट के भीतर बहुत अंधेरा ब्रह्म अग्नि उजियारु रे। जगमग जोत निहारु मंदिर में तन मन...
जाती जिधर को नजरिया हमारी उधर देखता हूँ मैं सूरत तुम्हारी। खिला है ये दुनिया का...
मनोबुद्ध्यहंकारचित्तानि नाहं न च श्रोत्रजिह्वे न च घ्राणनेत्रे ॥ न च व्योमभूमिर्न तेजो न वायुः चिदानन्दरुपः...
आतम अनुभव सुख की का कोई बूझै बात। कै जो कोई जानई कै अपनो ही गात।।...
वाहवाह के ठाठां मारदीयाँ ऐ लहरां ब्रह्म ज्ञान दीयाँ। सतचित आनन्द रूप हमारा पाँच भेद त्रय...
खामोश का ख़जाना खामोश ढूँढता है। क़दमों तले है दौलत दौलत को ढूँढता है। कमवख़्ती कमवख़्त...