सद्गुरु चारों वरण विचारी । टेक ब्राह्मण वही ब्रम्ह को जानै पहिरे जनेउ विचारी । साधुक...

सत्संग बिना जिय तरसे हो । टेक इस सत्संग में लाभ बहुत हैं तुरत मिलावै गुरु...

सत्य नाम का सुमिरण करले कल जाने क्या होय । जागु जागु नर निज आतम में...

संतो ज्ञान लहर धुन माड़ी । शब्द अतीत अनाहत राचे या विधि तृष्णा खाड़ी । टेक...

संतो सो निज देश हमारा । जहाँ जाय फिर हंस न आवे भवसागर की धारा ।...

संतो ससुरे का पठवो सन्देश नैहरवा में आग लगी। टेक नाऊ मरिगे बारी मरिगे मिटगा आवा...

संतो समझे का मत न्यारा जो आतम तत्व विचारा । टेक औरन से कहे आपा खोजो...

संतो वह घर सब से न्यारा जहाँ पूरण पुरुष हमारा । टेक जहाँ न सुख दुख...

सन्तो राह दुनों हम दीठा । हिन्दू तुरुक हटा नहिं माने स्वाद सबन को मीठा ।...

संतो मानुष तन बौराना । टेक इक बकरी का बच्चा लाये ताहि खिलावत दाना । शीश...

संतो भाई आई ज्ञान की आँधी । भ्रम की टाटी सबै उड़ानी माया रहे न बाँधी...

संतो भक्ति सतोगुर आनी । नारी एक पुरुष दुइ जाया बूझो पंडित ज्ञानी । टेक पाहन...