मोकउ तूं न बिसारि तू न बिसारि।। तू न बिसारे रामईआ।। आलावंती इहु भ्रमु जो है...

निंदउ निंदउ मोकउ लोगु निंदउ।। निंदा जन कउ खरी पिआरी।। निंदा बापु निंदा महतारी।। निंदा होइ...

धुर की बाणी आई।। तिनि सगली चिंत मिटाई।। दइआल पुरख मिहरवाना।। हरि नानक साचु वखाना।। परमेसरि...

गली जोगु न होई।। एक द्रिसटि करि समसरि जाणै जोगी कहीऐ सोई।। जोगु न खिंथा जोगु...

ख़ालसा मेरो रूप है ख़ास।। ख़ालसे महि हौ करौ निवास।। ख़ालसा मेरो मुख है अंगा।। ख़ालसे...

अंधियारे दीपकु चहीऐ।। इक बसतु अगोचर लहीऐ।। बसतु अगोचर पाई।। घटि दीपकु रहिआ समाई। किआ पढ़ीऐ...

हरि बिनु रहि न सकै मनु मेरा।। मेरे प्रीतम प्रान हरि प्रभु गुरु मेले बहुरि न...

हरि बिनु तेरो को न सहाई।। कां की मात पिता सुत बनिता को काहू को भाई।।...

हिरदै नामु वसाइहु।। घरि बैठे गुरु धिआइहु।। गुरि पूरै सचु कहिआ।। सो सुखु साचा लहिआ।। अपुना...

मै बनजारनि राम की।। तेरा नामु वखरु वापारु जी।। हरणी होवा बनि बसा कंद मूल चुणि...

हरि के नाम के बिआपारी।। हीरा हाथि चड़िआ निरमोलकु छुटि गई संसारी।। किन ही बनजिआ कांसी...

देही माटी बोलै पउणु।। बुझु रे गिआनी मूआ है कउणु।। पउणै पाणी अगनी का मेलु।। चंचल...