माधो हम ऐसे तू ऐसा।। हम पापी तुम पाप खंडन नीको ठाकुर देसा।। हम मैले तुम...

भिंनी रैनड़ीऐ चमकनि तारे।। जागहि संत जना मेरे राम पिआरे।। राम पिआरे सदा जागहि नामु सिमरहि...

भजहु गोबिंद भूलि मत जाहु।। मानस जनम का एही लाहु।। गुर सेवा ते भगति कमाई।। तब...

भई परापति मानुख देहुरीआ।। गोबिंद मिलण की इह तेरी बरीआ।। अवरि काज तेरै कितै न काम।।...

बाबा बोलते ते कहा गए देही के संगि रहते।। सुरति माहि जो निरते करते कथा बारता...

मानकु पाइओ रे पाइओ हरि पूरा पाइआ था।। मोलि अमोलु न पाइआ जाई करि किरपा गुरु...

बहुत जनम बिछुरे थे माधउ इहु जनमु तुम्हारे लेखे।। कहि रविदास आस लगि जीवउ चिर भइओ...

पूरी आसा जी मनसा मेरे राम।। मोहि निरगुण जीउ सभि गुण तेरे राम।। सभि गुण तेरे...

पूजहु रामु एकु ही देवा।। साचा नावणु गुर की सेवा।। अंतरि मैलु जे तीरथ नावै तिसु...

सिधि बोलनि सुभ बचनि धनु नानक तेरी वडी कमाई। वडा पुरवु परगटिआ कलिजुगि अंदरि जोति जगाई।...

देह सिवा बर मोहि इहै सुभ करमन ते कबहूं न टरों।। न डरों अरि सो जब...

दीन दइआल भरोसे तेरे।। सभु परवारू चड़ाइआ बेड़े।। राम जपउ जीअ ऐसे ऐसे।। ध्रू प्रहिलाद जपिओ...