नर तोहि नाच नचावत माया । ज्ञान हेतु कबहुँ नहिं नाचे जा हित पाये काया ।...

तैं तो मेरी लगन लगाय रे फकिरवा । टेक सोवत रहा मैं अपने मंदिर में शब्द...

जानत कौन पराये मन की। टेक हीरों की परख जौहरी जाने लागत चोट सरासर घन की...

जारौं मैं या जग की चतुराई। राम भजन नहिं करत बावरे जिन यह जुगति बनाई। टेक...

जोगवे निस बासर जोग जती। टेक जैसे सोना जोगवत सोनरा जाने देत न एक रती ।...

जोगिया खेलो बचाय के नारी नयन चलै बान । टेक श्रृंगी को भृंगी करि डारी नारद...