बिना हरि के भजन मुफत जन्म गवाया दुनिया की मौज में फिरे सदा ही भुलाया टेक...

दो दिन का जग में मेला सब चलाचली का खेला टेक कोई चला गया कोई जावे...

बाहिर ढुंडन जा मत सजनी पिया घर बीच बिराज रहे री टेक गगन महल में सेज...

कर्म कर्म क्या गावे मूरख पुरुशारथ कर होय सुखारो टेक परमेश्वर् की वस्तुन मांही सबका है...

काहे शोच करे नर मन में कर्म लिखा सोई होवत प्यारे टेक होवन हार मिटे नहि...

जीवन की प्रतिपाल करो नर मानुष जन्म सफल हो जाई टेक जप तप योग यतन बहुतेरे...

जीवन को मत मार छुरी से मारनहार खड़ा सिर तेरे टेक जीव मारकर अमर न होवे...

क्या पानी में मलमल नहावे मन की मैल उतार प्यारे टेक हाड़ मांस की देह बनी...

भजन में होत आनंद आनंद। बरसत शब्द अमी के बादल भीजत है कोई संत ।। अगर...

मेरा तेरा मनुवा कैसे एक होई रे । मैं कहता हौं आँखन देखी तू कहता कागद...

काया नहीं तेरी नहीं तेरी। ये तो दो दिन की जिन्दगानी जैसा पत्थर ऊपर पानी। ये...

का माँगू कुछ थिर ना रहाई देखत नैन चला जग जाई। इक लाख पूत सवा लाख...