मोहनी मूरत शामकी कब नजर आयगी ॥ टेक ॥ रास हास कर बिलास मनको हर लिया...
राम सुमर राम उमर बीत जायगी ॥ टेक ॥ एक एक श्वास बडे मोल का मिला...
राम सुमर राम तेरे काम आयगा ॥ टेक ॥ भाई बंधू राजपाट महल माढियां अंतकाल में...
तुम पडोरी मैना मधुर बैना हरिका नाम सार ॥ टेक ॥ तजके तेरा मालिया रे जंगल...
तुम पडो रे तोता क्या सुख सोता राम राम राम ॥ टेक ॥ पिंजरे में बैठके...
सुन भाई हमारा लछमन प्यारा बात करम की ॥ टेक ॥ मान बचन कैकेई रे दिया...
हरि तुमारी छबी पियारी कब दिखावोगे ॥ टेक ॥ सिरपे मुकुट धारके जी रतन से जडा...
प्रभु हमारा सुनो पियारा अर्ज हमारी आज ॥ टेक ॥ तुं पिता सब जगत का जी...
मनमोहन सुंदर शाम प्यारे दरस दीजिये ॥ टेक ॥ हमको हरि छोड़के जी जाय बसे परदेश...
नर करले रे सतसंग तेरा जन्म सफल होय ॥ टेक ॥ काशी गया दुवारका रे कोटिन...
जगदीश्वर जगत बीच तेरा नाम सार है ॥ टेक ॥ बडे बडे भूपति रे सेना के...
तेरी उमर बीती जाय रे प्रनिराम सुमर ले ॥ टेक ॥ बूंद बूंद टपकता रे ज्यों...