सकल रहा भरपूर मेरा प्यारा मेरा प्यारा। नहीं नेड़े नहीं दूर मेरा प्यारा मेरा प्यारा।। जल...
इस काया का होवे विनाश है। तू तो साक्षी स्वयं प्रकाश है।। पंच भूतों का तन...
किसे नाल राग नहीं किसे नाल द्वेष नहीं आत्मा आनन्द मैनूं कोई वी कलेश नहीं। कौड़ा...
चेतन हो जाए वख ते ऐ बुत्त मिट्टी दा। कोई ना सकदा रख ते ऐ बुत्त...
जन्मा है कोई और मेरा कोई जन्मा नहीं। मरता है कोई और मेरा कोई मरण नहीं।।...
जीना है तो मौज से जी हर दम आत्म रस को पी। आत्म रस को पी...
जो तू है सो मैं हूँ जो मैं हूँ सो तू है। न कोई आरजू है...
दिल में दिलबर मिल गया काबे में जायें क्या ज़रूर। दुई से हम पाक हुए गंगा...
मैं सत् चित् आनंद रूपा हूं बतला दिया सत् गुरु प्यारे ने। कर सच्चे गुरु दा...
मेरा सत् चित् आनन्द रूप कोई कोई जाने रे। पंच कोष से मैं हूं न्यारा तीन...
अजब प्याला अवैदत का जो साकी ने पिलाया है। अजब रंगत अजब मस्ती अजायब नशा छाया...
अपने आप का कर ले विचार। जागो जल्दी हैं दिन चार।। थोड़ा समय तुम यूँ निकालो।...