चाम के महल में भूल मत बावरे, स्वपन का संग है बुझि रहना। १

साँच को प्रीतिकर स्वप्न धोखा तजो, चाम अरु राम को चीन्ह गहना। २

जासु का खोज सब रोज तुम करत हो, मुकुर की छाह में नाहिं लेना। ३

देख ले आपना आपको आपही, कहैं कबीर यों सत्य कहना। ४