Bhakti
बलमा छोड़ दे पराइ आसा । टेक आम लगाये टिकोरा के कारण बहे परवैया झपटि गये...
बलम संग सोई गई दोउ जनी । टेक इक ब्याही इक अरधी कहावै दूनों सुमग सुहाग...
बरजे नहिं माने यह मन जालिम जोर रे । टेक जो कोई मन को पकड़ा चाहे...
बने जो कुछ धरम करले यही एक साथ जायेगा । गया अवसर न फिर तेरे ये...
बन्दे जागो अब भई भोर । टेक बहुतक सोये जनम सिराये इहाँ नहीं कोइ तोर ।...
बन्दे करि ले आप निबेरा । टेक आपु जियत लखु आप ठौर करु मुये कहाँ घर...
फिरहु का फूले फूलेफूले। जब दश मास उधर्व मुख होते सो दिन काहेक भूले । टेक...
फल मीठा पर ऊंचा तरबर कौनि जतन करि लीजै । नेक निचोड़ सुधा रस वाको कौनि...
पायो मैं राम गले के हरवा । टेक साँकर खटोलना रहनि हमारी दुबरेदुबरे पाँच कहरवा ।...
पाप पुन्न के बीज दोऊ बिज्ञान में डारिये जी । १ पाँचों चोर बिबेक से बस...
पाछे समुझ पड़ेगा भाई । टेक इहाँ आहार उदर भरि कीन्हें बहुविधि मांस पकाई । जीव...
पंडित सत पद जप रे भाई । चरण कमल बिन सब नर बूड़े नरक पड़ी चतुराई...