Bhakti
सारी पहिर मैल कर डारी दामन की बहु भारी जी । टेक जैसन कर्म किहौ पूरब...
साधो सो सतगुरु मोहि भावै । टेक सत्य प्रेम का भरि भरि प्याला आप पिये और...
ज्ञान समसेर को बाँधि जोगी चढ़े मार मन मीर रन धीर हूवा । १ खेत को...
ज्ञान का गेंद कर सुर्त का डंड कर खेल चौगान मैदान माहीं । जगत का भरमना...
साधो हर में हरि को देखा । टेक आपै माल औ आप खजाना आपै खरचनवाला ।...
साधो यही घड़ी यही बेला । टेक लाख खरच फिर हाथ न आवे मानुष जन्म सुहेला...
साधो यह मन है बड़ जालिम । जा को मन से काम परो है तिसही ह्वै...
साधो यह तन ठाठ तम्बूरे का । टेक ऐंचत तार मरोरत खूँटी निकसत राग हजूरे का...
साधो मन का धोखा भागा । बहुत दिनन से भरमत फिरिया सोया था अब जागा ।...
साधो धोखा सबको मारे । ऐसो है कोइ संत विवेकी निर्मल ज्ञान विचारे । टेक कोई...
साधो दिल से राम न भूल । टेक स्याही गई सफेदी आई चलना है बड़ी दूर...
साधो तुम तो करो विचार बहुरि न आना यह संसार । टेक जो तोहि प्रेम खेलनमा...