Kabir
यतन बिन मिरगन खेत उजाड़ा । टेक पाँच मिरग पचीस मिरगिनी तामें एक सिंगारा । अपने...
मोहि भावे जी भक्ति भीलनियाँ के । टेक बैठी पड़ाइन बैठी सुकलाइन आय गै बिमान गंधकिनियाँ...
मोलना सुन कितेब की बातें । टेक जिस बकरी का दूध पियो तुम सो तो मातु...
मोरे लगि गौ बाण सुरंगी हो । टेक धन सद्गुरु उपदेश दियो है होय गयो चित...
मोरे जियरा बड़ा अँदेशवा मुसाफिर जैहो कौनी और । टेक काया सहर क़हर है न्यारा दुइ...
मोरी रंगी चुनरिया धो धुबिया । टेक जन्म जन्म के दाग चुनर के सतसंग जल से...
मोर हीरा हेराइगा कचरे में । टेक कोई पूरब कोई पश्चिमी खोजे कोइ पानी कोई पथरे...
मैं केहि समझावों या जग अँधा । टेक एक दुइ होय उन्हें समझावों सबहिं भुलाने पेट...
मैं कासों कहूँ कोई न माने कही । बिन सतनाम भजन यह बिरथा आयु जाय रही...
मेहर बिनु मेहरबां किस तरह पाइये । टेक मेहर की कफनी कुलह भी मेहर की मेहर...
मेरे सतगुरु पकड़ी बाँह नहिं तो मैं बहि जाता । टेक करम काटि कोयला किया ब्रम्ह...
मिलो प्यारे संत सुजान सनेही । बहु दिन बीते तुम बिछुड़े को चेतो बेरिया येही ।...