Devotion
जागो जागोरे मुसाफिर उठकर करो तियारीयां ॥ टेक ॥ सोते सगली रैन बिहाई वेला दिन चढ़ने...
प्रभुजी रखो मेरी लाज शरण पडी हुं तेरियां ॥ टेक ॥ दुष्ट दुशासन भुजा पसारे मेरे...
देखो नन्दमहर के घर में प्रगटे कृष्ण मुरारजी ॥ टेक ॥ मथुरा मात देवकी जाये गोकुल...
राजा दशरथ के महलों में जन्म लिया श्रीरामजी ॥ टेक ॥ माता कौशल्या के जाये सुन्दर...
ज्ञान दे गुरुदेव ने मेरे दिलका भरम मिटा दिया ॥ टेक ॥ जाता था देखने को...
देखले नजरों से प्यारे ईश का दरबार है ॥ टेक ॥ भूमी गलीचा है बिछा आकाश...
मानले कहना मेरा मन की लालच छोड दे ॥ टेक ॥ चारदिन की जिंदगी आखिर यहां...
दे पिया दर्शन मुझे तेरा वियोग सता रहा ॥ टेक ॥ छोडकर घरमें मुझे तुम जा...
जो भजे हरि को सदा सोई परमपद पायगा ॥ टेक ॥ देखके माला तिलक अरु छाप...
तेरी शरण में आयके फिर आश किसकी कीजिये ॥ टेक ॥ नहि देख पडता है मुझे...
अब तो तजो नर रति विषयन की करले फिकर परलोक गमनकी ॥ टेक ॥ बालपणा जिम...
अब तो सुमर नर रामचरण को जन्म मरण दुःख दूर करण को ॥ टेक ॥ चौरासी...