Devotion
सुनले प्रभु अरज हमारी रे सुनले प्रभु अरज हमारी॥ दीनदयाल सकल दुःख भंजन । अशरणशरण परम...
भजले नर शारंगपाणी रे भजले नर शारंगपाणी मानुष तन पुन पुन नहि आवे । दिनदिन घडी...
मुझे सतगुरु संत मिलाय सखी मेरे मन की तपत बुझाय सखी ॥ टेक ॥ आन बसी...
मुझे लगन लगी प्रभु पावन की एजी पावन की घर लावन की ॥ टेक ॥ छोड...
मेरी सुरत गगन में जाय रही एजी जाय रही अरु धाय रही ॥ टेक ॥ त्रिकुटी...
अनहद धुनि सिर पर बाज रही एजी बाज रही अरु गाज रही ॥ टेक ॥ बाजत...
हरिनाम सुमर सुखकारण रे सुखकारण रे भवतारण रे ॥ टेक ॥ सोवत सोवत फिरत निरंतर सुख...
हरि सुमरण बिन दिन जाय रहे एजी जाय रहे नित धाय रहे ॥ टेक ॥ बालपणा...
चंचल मन निशदिन भटकत है एजी भटकत है भटकावत है ॥ टेक ॥ जिम मर्कट तरु...
हरि तुम भक्तन के रखवारे सकल जगत के नित हितकारे ॥ टेक ॥ गज को पकड...
प्रभु तुम सब जग सर्जनहारे सकल शक्तिमय पिता हमारे ॥ टेक ॥ भूमि पर्वत नदियां सागर...
प्रभु तुम सकल जगत के स्वामी घटघट के नित अंतरयामी ॥ टेक ॥ निर्मल पूरण रूप...