प्रभु तेरी महिमा कौन बखाने जाको ब्रम्हादिक नहिं जाने ॥ टेक ॥ तुं सर्वज्ञ चराचर पूरण...

प्रभु तेरी महिमा किस बिध गावूं तेरो अंत कहीं नहीं पाऊँ ॥ टेक ॥ अलख निरंजन...

प्रभु इक नाम तेरा सुखकारी सब दुनियां परम दुखारी ॥ टेक ॥ गर्भ वास में उलटे...

अहो प्रभु अचरज़ माया तुमारी जिसे मोहे सकल नर नारी ॥ टेक ॥ ब्रम्हा मोहे शंकर...

चल चल चल सखी देश हमारे वास करे जहां प्रीतम प्यारे ॥ टेक ॥ बिन घन...

हरि हरि हरि नित नाम सुमरणा भव सागरजल पार उतरना ॥ टेक ॥ बिन हरि सुमरे...

प्रभु प्रभु प्रभु दास तुमारो मुझे न अपने दिल से बिसारो ॥ टेक ॥ भव जलधारा...

सुन सुन सुन प्रभु बिनती हमरिया शरण पड़े हम आय तुमरिया ॥ टेक ॥ भव भय...

जय जय जय जगदीश्वर प्यारा विश्व चराचर सर्जन हारा ॥ टेक ॥ अचरज भारी रचना सारी...

जाती जिधर को नजरिया हमारी उधर देखता हुं मैं सूरत तुमारी ॥ टेक ॥ खिला है...

किधर को बताऊं मैं तेरा मकाना सबी विश्व में एक पूरण समाना ॥ टेक ॥ नीचे...

बिना कृष्ण दर्शन के शांती नही है ऊधो ज्ञान चरचा सुहाती नही है ॥ टेक ॥...