जै कमले कमलासन सुन्दरी सकल जगत माता सुखदाई टेक मोरमुकुट मस्तक पर राजे वनमाला गल बीच...

जै जगदीशवरी मात सरस्वती शरणागत प्रति पालनहारी टेक चंद्रबिंब सम वदन बिराजे शीश मुकुट माला गलधारी...

जै दुर्गे दुर्गति परिहारिणी शंभुविदारिणी मात भवानी टेक आदि शक्ति परब्रम्‍हस्वरूपिनी जगजननी चहु वेद बखानी ब्रम्‍हा...

जै गनेश गणनाथ दयानिधि सकल विघन कर दूर हमारे टेक प्रथम धरे जो ध्यान तुमारो तिसके...

मै नाही प्रभ सभु किछु तेरा।। ईघै निरगुन ऊघै सरगुन केल करत बिचि सुआमी मेरा।।।। रहाउ।।...

कउनु मूआ रे कउनु मूआ।। ब्रहम गिआनी मिलि करहु बीचारा इहु तउ चलतु भइआ ।।।। रहाउ।।...

हर जी माता हर जी पिता हर जीउ प्रतिपालक।। हर जी मेरी सार करे हम हर...

या बिधि भजन करो मन लाई। निर्मल नाम लखो बिनु लोचन सेत फटिक रोसनाई ।।।। सीप...

आरति करो मन आरति करो ।।।। गुरु प्रताप साधु की संगति आबा गमन तें छूटि पड़ो...

झिलमिल झिलमिल बरखै नूरा नूर जहूर सदा भरपूरा ।।।। रुनझुन रुनझुन अनहद बाजै भँवर गुँजार गगन...

हरि जन जीवता नहिं मुआ।। टेक।। पाँच तीन पचीस पायक बाँधि डारु कुआ ।।।। अष्ट दल...

निरगुन चुनरी निर्बान कोउ ओढै संत सुजान ।।।। षट दरसन में जाइ खोजो और बीच हैरान...