Girdhar
सुण लीजो बिनती मोरी मैं शरण गही प्रभु तेरी। तुमतो पतित अनेक उधारे भव सागर से...
बंसीवारा आज्यो म्हारे देस। सांवरी सुरत वारी बेस।। ॐॐ कर गया जी कर गया कौल अनेक।...
मन रे परसि हरि के चरण। सुभग सीतल कंवल कोमलत्रिविध ज्वाला हरण। जिण चरण प्रहलाद परसे...
आली रे मेरे नैणा बाण पड़ी। चित्त चढ़ो मेरे माधुरी मूरत उर बिच आन अड़ी। कब...
प्यारे दरसन दीज्यो आय तुम बिन रह्यो न जाय।। जल बिन कमल चंद बिन रजनी ऐसे...
प्रभु जी थे कहाँ गया नेहड़ो लगाय। छोड़ गया बिस्वास संगाती प्रेम की बाती बलाय।। बिरह...
प्रभुजी मैं अरज करुँ छूं म्हारो बेड़ो लगाज्यो पार।। इण भव में मैं दुख बहु पायो...
हरि मेरे जीवन प्राण अधार। और आसरो नांही तुम बिन तीनू लोक मंझार।। आप बिना मोहि...
तनक हरि चितवौ जी मोरी ओर। हम चितवत तुम चितवत नाहीं मन के बड़े कठोर। मेरे...
जागो बंसीवारे जागो मोरे ललन। रजनी बीती भोर भयो है घर घर खुले किवारे। जागो बंसीवारे...
बसो मोरे नैनन में नंदलाल। मोहनी मूरति सांवरि सूरति नैणा बने बिसाल। अधर सुधारस मुरली राजत...
मैं तो सांवरे के रंग राची। साजि सिंगार बांधि पग घुंघरू लोकलाज तजि नाची।। गई कुमति...