Girdhar
राम मिलण के काज सखी मेरे आरति उर में जागी री। तड़पततड़पत कल न परत है...
कोई कहियौ रे प्रभु आवनकी आवनकी मनभावन की। आप न आवै लिख नहिं भेजै बाण पड़ी...
सखी मेरी नींद नसानी हो। पिवको पंथ निहारत सिगरी रैण बिहानी हो। सखियन मिलकर सीख दई...
अब मैं सरण तिहारी जी मोहि राखौ कृपा निधान। अजामील अपराधी तारे तारे नीच सदान। जल...
तुम सुणो जी म्हारो अरजी। भवसागर में बही जात हूँ काढ़ो तो थारी मरजी। इण संसार...
म्हारे घर आओ प्रीतम प्यारा।। तन मन धन सब भेंट धरूंगी भजन करूंगी तुम्हारा। म्हारे घर...
प्रभु जी तुम दर्शन बिन मोय घड़ी चैन नहीं आवड़े।।टेक।। अन्न नहीं भावे नींद न आवे...
मन रे पासि हरि के चरन। सुभग सीतल कमल कोमल त्रिविध ज्वाला हरन। जो चरन प्रह्लाद...
तोसों लाग्यो नेह रे प्यारे नागर नंद कुमार। मुरली तेरी मन हर्यो बिसर्यो घरव्यौहार॥ जब तें...
श्याम मोसूँ ऐंडो डोलै हो। औरन सूँ खेलै धमार म्हासूँ मुखहुँ न बोले हो॥ म्हारी गलियाँ...
बादल देख डरी हो स्याम मैं बादल देख डरी श्याम मैं बादल देख डरी कालीपीली घटा...
मोती मूँगे उतार बनमाला पोई॥ अंसुवन जल सींचि सींचि प्रेम बेलि बोई। अब तो बेल फैल...