Girdhar
दरस म्हारे बेगि दीज्यो जी ओ जी अन्तरजामी ओ राम खबर म्हारी बेगि लीज्यो जी आप...
म्हारो प्रणाम बांके बिहारी को। मोर मुकुट माथे तिलक बिराजे। कुण्डल अलका कारीको म्हारो प्रणाम अधर...
अब तो निभायां सरेगी बाँह गहे की लाज। समरथ शरण तुम्हारी सैयां सरब सुधारण काज।। भवसागर...
नटवर नागर नन्दा भजो रे मन गोविन्दा श्याम सुन्दर मुख चन्दा भजो रे मन गोविन्दा। तू...
दूर नगरी बड़ी दूर नगरीनगरी कैसे मैं तेरी गोकुल नगरी रात को कान्हा डर माही लागे...
आज मोहिं लागे वृन्दावन नीको।। घरघर तुलसी ठाकुर सेवा दरसन गोविन्द जी को।। निरमल नीर बहत...
राणोजी रूठे तो म्हारो कांई करसी म्हे तो गोविन्दरा गुण गास्याँ हे माय।। राणोजी रूठे तो...
सहेलियाँ साजन घर आया हो। बहोत दिनां की जोवती बिरहिण पिव पाया हो।। रतन करूँ नेवछावरी...
होरी खेलत हैं गिरधारी। मुरली चंग बजत डफ न्यारो। संग जुबती ब्रजनारी।। चंदन केसर छिड़कत मोहन...
पपैया रे पिवकी बाणि न बोल। सुणि पावेली बिरहणी रे थारी रालेली पांख मरोड़।। चांच कटाऊँ...
हे मेरो मनमोहना आयो नहीं सखी री। कैं कहुँ काज किया संतन का। कैं कहुँ गैल...
स्वामी सब संसार के हो सांचे श्रीभगवान।। स्थावर जंगम पावक पाणी धरती बीज समान। सबमें महिमा...