नाम निरंजन गावो रे सब छोड भरमणा ॥ टेक ॥ नाम निरंजन सब दुखभंजन नही मन...

निरंजन पुरका पंथ कठिन है दूर ॥ टेक ॥ लाखों योजन पर्वत ऊंचा घाटी विकट करूर...

निरंजन गुरु का ज्ञान सुनो नरनार ॥ टेक ॥ क्या खोजे बन पर्वत कंदर क्या खोजे...

निरंजन माला घटमें फिरे दिनरात ॥ टेक ॥ ऊपर आवे नीचे जावे श्वास श्वास चल जात...

निरंजन घरका भेद सुनो सब संत ॥ टेक ॥ नहि काशी नहि पुरी द्वारका नहि गिरिशिखर...

निरंजन धुनको सुनता है संत सुजान ॥ टेक ॥ बैठ इकांत जमाकर आसन मूंदलिये दोऊ कान...

निरंजन पदको साधु कोई पाता है ॥ टेक ॥ मूल द्वार से खेंच पवन को उलटा...

कैसे करूं गुरुदेव की महिमा खरी खरी सब बेद ग्रंथ पंथ में गायन करी करी ॥...