जय शिवशंकर हे प्रलयंकर भवानी शंकर तुझे प्रणाम। विश्वेश्वर हे तुझे प्रणाम सर्वेश्वर हे तुझे प्रणाम।...

सदगुरु मोरे साँवल शाह प्यारे हैं। कैसे कहूँ वो तो दुनिया से न्यारे हैं।। वाणी ऐसी...

मैं वारी जाऊं सदगुरु की जिन लायी राम स्यों यारी। मन तो पापी भागता जाये क्षणभंगुर...

माझी ओ माझी रे कितनी दूर किनारा। दूर नगरिया जाना हुम ना रे हुम ना रे।...

तेरो कोई नहीं रोकनहार बुलावे जो कृष्णमुरार खेलन होरी जावन दे कि धूम मचावन दे। दयानिधे...

करां सज़दा ते सिर न उठावाँ ते दिल विच रब दिसदा। तेरी सूरत नूँ वेखी मैं...

कहंदे ने नैना चरणां च रहना। पीड़ा मैं सहके उफ़ वी ना कहना। तेरीयां जुदाईयाँ दी...

वृन्दावन माहीं मुरलिया बजावे मुरारी। जमुना तीरे बंसी बाजे सुनत इतरावे मुरारी। विनती करत है राधा...

सुन चरखे दी मिठीमिठी कूक माईआ मैंनू याद आंवदा। मेरे दिल विचों उठदी है हूक माईआ...

काली कोइल तू कित गुन काली। अपने प्रीतम के हउ बिरहै जाली।। पिरहि बिहून कतहि सुखु...

पा लैं तत्ते खम्बे नू जफीआं आपे तैनूं राम रख लये। मर जानेया मना कदी घबराई...

वह पुरुषोत्तम मेरा यार नेह लगी टूटे नहीं तार। तीरथ जाऊँ ना बरत करूँ चरण कमल...