पिया मिलनके काज आज जोगन बन जावुंगी ॥ टेक ॥
हारसिंगार छोडकर सारे अंग बिभूत रमावुंगी
सिंगी सेली पहर गले में अलख जगावूंगी ॥
काशी मथुरा हरिद्वार सब तीरथ नावुँगी
जाय हिमाचल करूं तपस्या तन को सुखावुँगी ॥
ऋषि मुनियों के आश्रम जाकर खोज लगावुँगी
अंदर बाहिर सब जग ढूंडू नहि अटकावुंगी॥
निशदिन उसका ध्यान लगाकर दर्शन पावुंगी
ब्रम्हानंद पिया घर लाकर मंगल गावुँगी ॥
Piyaa mialnke kaaj aaj jogan ban jaavungi ॥ tek ॥
Haarsingaaar chhodkr saaranga bibhut ramaavungi
Singai seli phr gale mein alkh jgaaavungi ॥
Kaashi mthuraa haridvaar sab tirth naavungi
Jaay himaachl krun tpsyaa tn ko sukhaavungi ॥
Rishi muniyon kaashrm jaakr khoj lgaaavungi
Andr baahir sb jga dhundu nhi atkaavungi॥
Nishdin uskaa dhyaan lgaaakr drshn paavungi
Bramhaannd piyaa ghar laakr mangal gaaavungi ॥