जोग जुगत हम जानी साधो जोग जुगत हम जानी रे ॥ टेक ॥ खेंच अपान प्राण...
जोग जुगत हम पाई साधो जोग जुगत हम पाई रे ॥ टेक ॥ मूलद्वार में बंध...
घट ही में अविनाशी साधो घट ही में अविनाशी रे ॥ टेक ॥ काहे रे नर...
घट ही में उजियारा साधो घट ही में उजियारा रे ॥ टेक ॥ पास बसे अरु...
सखी री सुन बाजत बांसरिया ॥ टेक ॥ निर्मल नीरे जमुनातीरे गावत सांवरिया ॥ मुकुट विशाला...
तुं मेरी गली आना रे कान्हा ॥ टेक ॥ शीश मुकुट धर भालतिलक कर कुंडल लटकाना...
री गुजरिया पनिया भरण मत जा ॥ टेक ॥ आना जाना रोकत कान्हा पनघट निकट खडा...
मेरी सजनी सुनसुन सुन सुन सुन ॥ टेक ॥ अनहद बाजे गगन बिराजे माधुरी धुन धुन...
मेरी मतिया हरिहरिहरि गुण गा ॥ टेक ॥ नाम मुरारी भवभय हारी नहि नहि नहि बिसरा...
मेरी मतिया कर कर हरि भजना ॥ टेक ॥ सिरपर काला फिरत कराला डर डर डर...
मानले बचन मेरो जानले स्वरुप तेरो जाने बिना रूप भवसिंधु में डुबावनो ॥ १ पायके मनुजतन...
देख ले चतुर नर अब तो नजरभर घडी पल छिन तेरी बीतत उमरिया ॥ १ दीपक...