जो सतगुरु सों चित जोड़ लिया।
अब और से चित को लगावें क्या।।
1. जिन हरि चरणों का ध्यान धरा।
वो और का ध्यान लगावें क्या।।
2. जिन गोविंद नाम से मन रंगा।
वो जग की मैल को चाहें क्या।।
3. जिन आतम अमृत पान किया।
वो विषय भोग रस चाहें क्या।।
4. जिन जाना अपने स्वरूप को।
वो और कोई ज्ञान को पावें क्या।।
गुरु माँ
"Jo sataguru son chit jod liyaa.
Ab aur se chit ko lagaaven kyaa..
1. Jin hari charaṇaon kaa dhyaan dharaa.
Vo aur kaa dhyaan lagaaven kyaa..
2. Jin govind naam se man rngaa.
Vo jag kee mail ko chaahen kyaa..
3. Jin aatam amrit paan kiyaa.
Vo viṣhay bhog ras chaahen kyaa..
4. Jin jaanaa apane svaroop ko.
Vo aur koii gyaan ko paaven kyaa..
Guru maa"