जब आशिक़ मस्त फकीर हुए फिर क्या दिलगीरी है बाबा। हर आन खुशी हर आन हँसी...

जब पूर्ण सतगुर देव मिले फिर दूसरा देव मनाना क्या। आत्म में आत्म देव मिले फिर...

ऐसा ज्ञान जपो मन मेरे। होवो चाकर सांचे केरे।। अंतर बसे न बाहर जाए। अमृत छोड़...

जो सतगुरु सों चित जोड़ लिया। अब और से चित को लगावें क्या।। जिन हरि चरणों...

या रब या रब मुझको अपना इश्क़ दे दे मेरे दिल में अपनी तड़प दे दे।...

दो दिन का मेला जग में सब चलाचली का खेला। कोई चला गया कोई जावे कोई...

दुनिया दो दिन का है मेला जिसको समझ पड़े अलबेला। जैसी करनी वैसी भरनी गुरु हो...

तू तो उड़ता पंछी यार तेरा कौन करे एतबार। नौ खिड़की का पिंजरा तेरा खुले पड़े...

जब चल ही पड़े तब रूकना क्या जब देख लिया तब छुपना क्या। जब दुनिया से...

चलतेचलते जाने कहाँ से यादों का मौसम आया। पलकों में बन के वो आँसू है आया।...

गगन में मगन है मगन में लगन है। लगन के बीच में प्रेम पागे। प्रेम में...

गगन दमामा बाजिओ परिओ नीसानै घाउ।। खेतु जु मांडिओ सूरमा अब जूझन को दाउ।। सूरा सो...