संतो घर में झगरा भारी । टेक राति दिवस मिलि उठि उठि लागे पाँच ढोटा एक...

संतो कोई जन शब्द विचारा । शब्द भेद यह है सतगुरु का परख लेहु टकसारा ।...

संतो कथनी कथे ते खोटा । जौ लौं कर्म विकार न खोये कोयला कपट जिय ओटा...

संतो अब हम आपा चीन्हा । निजस्वरूप प्राप्त है नितही अचरज सहित सो कीन्हा । टेक...

संतो अनुभव पदहिं समाना । सकल देव के भरम भुलाना अविगत हाथ बिकाना । टेक पहले...

सन्तन जाति न पूछो निर्गुनिया । टेक साधै ब्राह्मण साधै क्षत्रिय साधै जाती बनिया । साधुन...

सतसंग लागि रहो रे भाई तेरी बिगड़ी बात बन जाई । टेक दौलत दुनिया माल खजाना...

सतगुरु सोई दया करि दीन्हा पाते अनचीन्हा अनचीन्हा । टेक बिन पग चलना बिन पग उड़ना...

सकल तजि राम सुमर मेरे भाई । माटी का तन मिलि हैं पवन में पवन समानी...

विज्ञानी सुन सतगुरु की बानी । जेहि प्रताप हम भये विरागी त्यागि सकल कुलकानी । टेक...

विवेकी सन्त बसै जिस देश । टेक धनि वह गाँव ठाँव वह नगरी अघ न रहै...

विदेशी चलो अमरपुर देश । छाड़ो कपट कुटिल चतुराई छाड़ो यह परदेश । टेक छाड़ो काम...