माने न कोई हमार कहा । चौरासी योनि से मरके तृष्णा की धार बहा । टेक...
माई मैं दूनों कुल उजियारी । टेक सासु ननद पटिया मिलि बंधलों भसुरहि परलों गारी ।...
मृतक को पायो अब हम मृतक को घर पायो । १ यश अपयश दोऊ से न्यारा...
मंगल अगम अनूप सन्त जन गावहीं । उपजत प्रेम विलास तो आनंद बढ़ावहीं । टेक प्रथमहिं...
मन समुझ के लादी लदनियाँ हो । टेक काहेक के टटुवा काहेक पाखर काहे के भरी...
होशियार होय रहो मुसाफिर कज्ज़ाक फिरता गली गली । टेक इस नगरी में तीन चोर हैं...
है कोइ संत मिले ये अवसर अपने गर बसाऊँ हो । छिन एक में मैं देऊँ...
हैं कोई भूला मन समुझावै । या मन चंचल मोर हेरि लो छूटा हाथ न आवै...
हंसा हंस मिले सुख होई । टेक इहाँ तो पाँती है बगुलन की कदर न जाने...
हंसा सुरति करो चितलाई । मूल नगर पहुँचे बिन हंसा जीव परलै ह्वै जाई । टेक...
हंसा सुधि करो आपन देश । टेक जहाँ से आयो सुधि बिसरायो चले गये परदेश ।...
हंसा मन खेले जग जूआ । सुर नर मुनि को पकड़ पछाड़े आप कभी नहीं मूवा...