आशक हुया जो दिल तो क्या कायरपणा करे ऊखल में दिया शीश तो चोटन से क्या...

आशक हुया जो दिल तो क्या दुनियां की शर्म है करना इशक का जगत में नहि...

आशक हुया जो मन तो क्या माशूक दूर है दिन में बसा दिलदार की चश्मों का...